भारत अपने पासपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने में जुटा है और इसके लिए कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। अब आपको RFID चिप वाले ई-पासपोर्ट मिलेंगे जो आपकी सुरक्षा को कई गुना बढ़ा देंगे। साथ ही, कुछ ऐसी जानकारी अब पासपोर्ट पर नहीं छपेगी जो आपकी निजता के लिए अहम है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाए ताकि पासपोर्ट बनवाना और भी आसान हो जाए।
भारतीय पासपोर्ट 2.0: डिजिटल दुनिया में कदम
भारतीय पासपोर्ट अब पूरी तरह से डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर चुका है और 2025 तक पूरी तरह से आधुनिक बनने के लिए तैयार है। ये बदलाव सुरक्षा, निजता और पहुँच को बेहतर बनाने के लिए किए गए हैं। यदि आप भारतीय पासपोर्ट से जुड़ेइन बड़े बदलावों के बारे में जानना चाहते हैं तो ये 5 बातें आपके बहुत काम आएंगी:
ई-पासपोर्ट की शुरुआत: सुरक्षा का नया युग
भारत ने गोवा और राँची सहित कुछ शहरों में चिप-सक्षम ई-पासपोर्ट जारी करना शुरू कर दिया है। इन पासपोर्ट में RFID चिप लगी होती है जो आपके बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत डेटा जैसे फिंगरप्रिंट और तस्वीरों को सुरक्षित रूप से स्टोर करती है। इस डिजिटल तकनीक का मुख्य उद्देश्य पहचान की चोरी और धोखाधड़ी को कम करना है साथ ही आव्रजन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और सुरक्षा को मजबूत करना है।